CBSE 9
रहीम
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥
Raidas ke pad
रैदास भक्तिकाल के कवि हैं।
रहीम
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥
Raidas ke pad
रैदास भक्तिकाल के कवि हैं।
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