मेरी रचना

किताबो की खुशबू याद नहीं मुझे

यह कविता मैंने आज से २ वर्ष लिखी थी, मेरे मित्र के मित्र के लिए। चूँकि मैं उनका कंप्यूटर प्रोजेक्ट कर रहा था, इसलिए लाजमी है कि मैं उसे उन चीजों से भर दूँ जो मुझे पसंद हो।

पटना का समंदर

मैं पटना, बिहार में रहता हूँ। बिहार का सम्बन्ध बाढ़ से काफ़ी पुराना है, ऐसा नहीं है की यह एक प्राकृतिक आपदा है तो इसका कोई समाधान नहीं है। हालांकि इसे रोक नहीं सकते पर इसके प्रभाव को कम तो कर सकते हैं। पर यह करे कौन - सरकार ??

दिन के कुछ घंटे मैं यहीं बिताना चाहता हूँ

मैं अपने गांव में था। एक दिन खेत घूमने निकला घूमने निकला, धूप बहुत थी इसलिए खेत बीच में पेड़ों की छाँव में जो मचानी बानी थी उस पर जाकर बैठ गया। वहाँ मुझे प्रकृति की जो अनुभव मिली, उसे मैंने कविता के रूप में पंक्तिबद्ध कर लिया। फिर कैमरा

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