साहित्य दर्शन
इश्क़ में शहर होना - रविश कुमार
वे कहते हैं कि आप किसी शहर को तभी समझ सकते हैं जब आप इश्क़ में होते हैं, क्योंकि इश्क़ में चलना पड़ता है। आप आपस में बातें भी करना चाहते हैं और सड़क पर आपकी ओर बढ़ रही निगाहों से भागना भी चाहते हैं। इसलिए आप चलते हैं।
गाँधी की समन्वय चेतना | GANDHI'S COORDINATION CONSCIOUSNESS
जो व्यक्ति समाज में, राष्ट में, समन्वय बनाकर रखता है, उसे सभी लोग प्यार करते हैं, उसको मानते हैं। जो व्यक्ति समन्वय बनाकर चलता है, वह अपने ही लोगों के द्वारा मारा भी जाता है।
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