महाकाव्य
Rashmirathi
रश्मिरथी! एक महाकाव्य। हमारे दूसरे राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह 'दिनकर'....
शिव तांडव स्त्रोत - रावण रचित
अब ऊपर, शिखर पर केवल दो लोगों के लिये ही जगह है। तो पार्वती ने शिव को उनके हर्षोन्माद से बाहर लाने की कोशिश की। वे बोलीं, "वो व्यक्ति बिल्कुल ऊपर ही आ गया है"। जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्
Comments
Post a Comment