कर चले हम फ़िदा
गीत : कर चले हम फ़िदा
लेखक : कैफ़ी आज़मी
गीत की पृष्ठभूमि:-
सन् १९४७ में हमारा देश अंग्रेज़ों की अधीनता से स्वतंत्र हुआ और नेहरू जी इस स्वतंत्र राष्ट्र के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उस समय तक अंग्रेजी हुकूमत ने हमारा आर्थिक रूप से अत्यधिक शोषण कर लिया था और भारत की आर्थिक स्तिथि बहुत कमजोर थी। तब हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया की भारत सेना पर अत्यधिक निवेश नहीं करेगा और अपने पड़ोसी मुल्कों से दुश्मनी नहीं रखेगा। इस तरह सफ़ेद कबूतर उड़ा कर भारत ने शांति का सन्देश दिया।
सन् 1961-62 में चीनी सैनिकों ने तिब्बत के रस्ते से (हिमालय के रास्ते से ) भारत पर आक्रमण कर दिया। चूँकि भारत ने सेना पर अत्यधिक निवेश किया नहीं था इसलिए भारत में सैनिकों की कमी थी। युद्ध के लिए समुचित अश्त्र-शास्त्र भी नहीं थे। भारत के लिए युद्ध के परिस्तिथि विषम और प्रतिकूल थी क्योंकि :
(1)हिमालय ऊँची सिखर थी , (2)हिमालय पर अत्यधिक ठण्ड थी , (3)समुचित हथियार की कमी थी , (4)सैनिकों की संख्या काम थी (5)सैनिकों को ऊंचाई और ठण्ड में लड़ने का अभ्यास नहीं था ;
इन सभी कठिनाइयों के बावजूद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों से लोहा लिया और भारत माता की रक्षा की।
इसी भारत-चीन युद्ध के उपर एक फ़िल्म बानी "हकीक़त" और इसी हक़ीक़त फिल्म में 'कर चले हम फ़िदा ' गीत को फिल्माया गया था।
प्रतुत गीत में यह दिखाया गया है कि एक सैनिक जो युद्ध में सहीद हो रहा है और अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहा है ,उसकी क्या-क्या इच्छाएं हैं ? अपने देशवासियों को और साथी सैनिकों को क्या सन्देश दे रहे हैं ?
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